भारतीय तटरक्षक ने अमूल्य पोत को शामिल कर तटीय सुरक्षा और परिचालन क्षमता मजबूत की
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भारतीय तटरक्षक ने गोवा में नई पीढ़ी के 51 मीटर लंबा अमूल्य पोत सेवा में शामिल किया, स्वदेशी घटकों के साथ।
पोत निगरानी, अवरोधन, खोज एवं बचाव, तस्करी विरोधी अभियान और प्रदूषण नियंत्रण में भारतीय तटरक्षक की भूमिका सुदृढ़ करेगा।
Goa/ भारतीय तटरक्षक ने आज गोवा में अपनी नई पीढ़ी के आठ तीव्र गश्ती पोतों की श्रृंखला का तीसरा पोत अमूल्य को सेवा में शामिल किया। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा विकसित और निर्मित यह 51 मीटर लंबा पोत देश में पोत निर्माण में एक नया मानदंड स्थापित करता है। पोत के 60 प्रतिशत से अधिक घटक स्वदेशी हैं, जो भारत की आत्मनिर्भरता और मेक-इन-इंडिया पहल को मजबूती देते हैं।
अमूल्य पोत आधुनिक डिजाइन पद्धति पर आधारित है और दक्षता, स्थायित्व तथा त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता से युक्त है। इसमें तीन हजार किलोवाट क्षमता के दो उन्नत डीजल इंजन लगे हैं, जो इसे 27 समुद्री मील की अधिकतम गति प्रदान करते हैं। इसका परिचालन दायरा 1,500 समुद्री मील है, जिससे भारत के समुद्री क्षेत्रों में लंबे अभियान संभव हैं।
पोत स्वदेश निर्मित अत्याधुनिक हथियार और प्रणालियों से सुसज्जित है। यह निगरानी, अवरोधन, खोज एवं बचाव, तस्करी विरोधी अभियान और प्रदूषण नियंत्रण जैसे विभिन्न अभियानों में काम करेगा। पोत अमूल्य ओडिशा के पारादीप में तैनात रहेगा और तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर-पूर्व) कमान के प्रशासनिक व परिचालन नियंत्रण में कार्य करेगा। इसका नेतृत्व कमांडेंट अनुपम सिंह करेंगे, जिनके साथ पांच अधिकारी और 34 कर्मी तैनात होंगे।
अमूल्य पोत को सेवा में शामिल करने के समारोह की अध्यक्षता रक्षा विभाग के संयुक्त सचिव (स्वतंत्र प्रभार) श्री अमिताभ प्रसाद ने की। इस अवसर पर भारतीय तटरक्षक बल, केंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी तथा गोवा शिपयार्ड लिमिटेड के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। यह पोत भारतीय तटरक्षक के बेड़े को विस्तार देने और तटीय सुरक्षा सुदृढ़ करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।